EWS के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण : श्रेय लेने के जिए कूद पड़ी कांग्रेस

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली : कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि यह आरक्षण मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आरंभ की गई प्रक्रिया का परिणाम है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ताजा जाति जनगणना पर उसका क्या रुख है। सुप्रीम कोर्ट ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा।
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता। रमेश ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है। यह संवैधानिक संशोधन 2005-06 में डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा सिन्हा आयोग का गठन करके शुरू की गई प्रक्रिया का परिणाम है।
इस आयोग ने जुलाई, 2010 में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसके बाद व्यापक रूप से चर्चा की गई और 2014 तक विधेयक तैयार कर लिया गया। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार को विधेयक को कानून की शक्ल देने में 5 साल का समय लगा। रमेश ने कहा कि इसका उल्लेख करना भी जरूरी है कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना को 2012 तक पूरा कर लिया गया था तथा उस वक्त मैं ग्रामीण विकास मंत्री था। मोदी सरकार को स्पष्ट करना होगा कि ताजी जाति जनगणना को लेकर उसका क्या रुख है। कांग्रेस इसका समर्थन करती है और इसकी मांग भी करती है।
(जी.एन.एस)